आज़ादी (कविता)- सुमन अग्रवाल सागरिका

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#★आज़ादी★#

शान से लहराता तिरंगा, वीरों का बलिदान है।
आजादी की खुली हवा है, भारत देश महान है।


तिरंगा

चल पड़े हैं प्रगति पथ पर अब ना देखेंगे मुड़कर,
ये भारत के वीर जवान, तर्पण उनके प्राण हैं।

शत शत नमन उन्हें रखते हमको जो महफूज़ हैं,
सुभाष, भगत, सुखदेव हुए देश के लिए कुर्बान है।

राष्ट्रप्रेमी जन जाग्रत हों, राष्ट्रगीत मिलकर गाएं,
केसरिया, सफेद, हरा तिरंगा भारत की शान हैं।

आजादी की कीमत हम कभी चुका नही पायेंगे,
सबकी हुई हैं आँखें नम वीर शहीदों का गुणगान हैं।

ये अपना देश है रंगीला, इसकी शान निराली है
देश को आजादी मिली, ये वीरों का सम्मान है।

जाति-पाति मज़हब छोड़, हम सब एक हो जाए,
अपना देश है कितना प्यारा बढ़े देश का मान हैं।

कितना अदभुत सुंदर प्यारा, भारत देश ये मेरा है,
जन्म लिया इस मातृभूमि में यही मेरी पहचान है।

15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली,
भारत की आजादी हमारे देश का स्वाभिमान है।


सुमन

-©सुमन अग्रवाल "सागरिका"
          आगरा

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