दैनिक श्रेष्ठ सृजन-21/01/2020
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संगम सवेरा पत्रिका
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दैनिक श्रेष्ठ सृजन
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 नवल किशोर सिंह जी
एवं
श्रेष्ठ टिप्पणीकार- आ0 राकेश जैनबन्धु जी
21 जनवरी 2020
शीर्षक- वतन
        (विजात छंद)
(प्रति चरण-14 मात्रा, दो-दो चरण समतुकांत, अंत-222, 1 और 8 वी मात्रा लघु)
वतन के नाम की माला।
झुका कर शीश मैं डाला॥
          करूँ मैं देश की सेवा।
          सदा हर वेष में सेवा॥
 भले हम बिन निवाले हों।
 पग क्या? रग में छाले हो॥
          सतल या अचल चोटी हो।
          तन हो, लथपथ बोटी हो॥
वतन के काम आ जाए।
परम पदनाम पा जाए॥
         सुजन संतान माटी का।
         गगन में मान माटी का॥ 
वतन की शक्ति में जीना।
वतन की भक्ति में जीना॥
 -©नवल किशोर सिंह


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