दैनिक श्रेष्ठ सृजन-24/01/2020 (अनिता तोमर अनुपमा)

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संगम सवेरा पत्रिका
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दैनिक श्रेष्ठ सृजन-24/01/2020
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ🌷🌻🌹
श्रेष्ठ रचनाकार- आ0अनिता तोमर"अनुपमा"जी
एवं
श्रेष्ठ टिप्पणीकार- आ0 मीना भार्गव जी



24 जनवरी 2020
शीर्षक- "संस्कार"
(लघुकथा)
"कितनी बार कहा है बहू? जब बड़े कोई निर्णय लेते हैं तो उसके बीच में अपना मुँह मत खोला करो|” सास ने झुँझलाकर कहा|
“पर मम्मी जी मैं तो यह कहना चाह रही थी......|” इससे पहले कि बहू अपनी बात पूरी करती सास ने उसे तीखी नज़रों से देखा, वह चुप हो गई| परंतु अब सासू माँ को कटाक्ष करने का सुनहरा मौका मिल गया|
“बेटा! लगता है माँ-बाप ने तुम्हें संस्कार नहीं दिए, नहीं तो ससुराल में बड़ों के सामने अपना मुँह नहीं खोलती|” बहू का चेहरा उतर गया और वह चुपचाप रसोईघर में चली गई|
शाम को सासू माँ फोन पर ऊँची आवाज़ में अपनी बेटी को समझा रही थी, “कोई ज़रूरत नहीं है ससुराल में किसी की सुनने की| जो भी तेरा मन करे वो करना| ज्यादा कोई कुछ भी बोले तो सीधे मायके की धमकी दे देना| हम बैठे हैं ना यहाँ|”
एक बार तो बहू के मन में आया कि संस्कारों की माला जपने वाली सासू माँ से पूछ ले कि अपनी बेटी को कौन-से संस्कार दे रही है, पर फिर उसके संस्कारों ने ही उसके मुँह पर ताला लगा दिया।
अनिता तोमर ' अनुपमा'
(स्वरचित और मौलिक रचना)

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