दैनिक श्रेष्ठ सृजन- 30/01/2020(फूलचंद्र विश्वकर्मा)

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संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
दैनिक श्रेष्ठ सृजन- 30/01/2020
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ🌷🌻🌹
श्रेष्ठ रचनाकार- आ0 फूलचंद्र विश्वकर्मा जी
एवं
श्रेष्ठ टिप्पणीकार- आ0 रविशंकर विद्यार्थी जी
(दोनों सम्मान-पत्र इसी लिंक पर उपलब्ध है)




30 जनवरी 2020
शीर्षक- परीक्षा का भूत
भूत परीक्षा का अब तो छात्रों के सिर चढ़ बोल रहा है।
कितने दिन की हुई पढ़ाई खोल ये सारे पोल रहा है।।

कल पढ़ेंगे अभी समय है कहते- कहते बीत गए।
घड़ी परीक्षा की अब आई सारे गुण विपरीत हुए।

इतना पाठ याद कब होगा मन सिंहासन डोल रहा है।।
मस्ती मौज मनाकर सारे अच्छे अवसर बिता दिए।

माता पिता गुरु का कहना मित्र मंडली संग गए।
निकट परीक्षा तिथि आते ही डोल सकल भूगोल रहा है।।

सभी विषय पढ़ने बाकी हैं दिन थोड़े मिलने वाले।
एक एक क्षण भारी पड़ते वे मदद नहीं करने वाले।
सोच -सोच कर डर के मारे तन मन खा हिचकोल रहा है।।
अब तो समझ आ गया है कि अब तो पढ़ना ही होगा।

समय सारिणी नई बनाकर अध्ययन में जुटना ही होगा।
भूल पुरानी सब बातें दृढ़ अंतर्मन अब टटोल रहा है।।

सब की आशा पूर्ण करूंगा गर्व करेंगे मुझ पर सब।
कठिन परिश्रम कर लाऊँगा अच्छे अंक हरसेंगे सब।
निश्चित जीत मिलेगी मुझको सुख दरवाजे खोल रहा है।। -@फूलचंद्र विश्वकर्मा जी

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