दैनिक श्रेष्ठ सृजन- 13/01/2020 (डॉ. भावना दीक्षित)

www.sangamsavera.in
 संगम सवेरा पत्रिका
  साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
E-mail-vishvsahityasangam@gmail.com
दैनिक श्रेष्ठ सृजन
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 डॉ. भावना दीक्षित जी
13 जनवरी 2020
 शीर्षक-महंगाई
          (अनुच्छेद )

   उपभोक्तावादी युग और पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की देन है महँगाई! केवल कीमतों में वृद्धि ही महँगाई का कारण नहीं है, कारण हैं, कुछ अतिवादी, महत्वाकांक्षी लोगों का पूरी अर्थव्यवस्था पर कब्जा कर लेने की मंशा, और इस मंशा को पूरा करने के सभी तरीके मिल कर महँगाई को बढ़ा रहे हैं।
कालाधन, जमाखोरी की प्रवृत्ति, राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार, जनसंख्या का अधिकाधिक विकास, गरीबी का बढ़ना, राष्ट्रीयकृत उद्योगों में घाटा, सरकारी कुव्यवस्था, रूपये का अवमूल्यन, मुद्रास्फीति आदि कारक महँगाई के लिए पूर्णतया जिम्मेदार है।
इनमें से कुछ कारकों को जानबूझ कर बढ़ाया जाता है।  जिससे पदार्थों  की कीमतो में इजाफा होता है, और जनमानस में असंतोष व्याप्त होता है।
कृषि कार्यों की घोर उपेक्षा भी इसका एक कारण है। इनमें 80 फीसदी कारणों पर सरकारी नियंत्रण किया जा सकता है। पर योजनाओं की अमलदारी में भी कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। इससे बचने के लिए सरकारी नियंत्रण के साथ-साथ राष्ट्रीय संचेतना और संकल्प की भी महत्ती आवश्यकता है। यदि जनमानस (खासकर नेता व जनप्रतिनिधि)  अपने-अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचें, तो महँगाई पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है।
-@डॉ. भावना दीक्षित
 जबलपुर

कोई टिप्पणी नहीं

©संगम सवेरा पत्रिका. Blogger द्वारा संचालित.