दैनिक श्रेष्ठ सृजन-14/01/2020 (डॉ रामकुमार झा)

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दैनिक श्रेष्ठ सृजन
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 रामकुमार झा जी
14 जनवरी 2020
 शीर्षक- "मकरसंक्रान्ति"
          (छंद)
पौष  मास   स्वागत करूँ , सूर्य  करे  धनु त्याग।
मकर राशि  पावन   अतिथि ,  महापर्व  अनुराग।।१।।

प्रथम   साल  त्यौहार  है , मकर संक्रान्ति नाज़ ।
सदा  चतुर्दश    जनवरी, कभी  पञ्चदश आज।।२।।

लोहड़ी  या  बिहू    कहीं,  है    पोंगल   त्यौहार।
कहीं  तिल    संक्रान्ति यह , दधि-चूड़ा  आहार।।३।।

शस्य श्यामला खेत का,  नया फसल का स्वाद। 
चहुँदिश है फ़ैली खुशी, मिटा  वैर    अवसाद ।।४।।

रंग    बिरंगी   पतंगें , उनकी    काटी     धाग । 
अनोखी झाँकियाँ दिखीं,जिसमें  सब सहभाग।।५।।

कहीं सजा है भांगरा ,कहीं   जली    है   आग।
कृषकों के घर तिलकुटें , थिरकता   बिहू  राग।६।।

चाहे    कोई  धर्म   हो,  मिलकर  रहे  समाज । 
रंग भरी पिचकारियाँ, भरे कृषक  सब   आज।।७।।

मुकलित मंजर से भरा, द्रुम  रसाल फलराज । 
स्वागत वासन्तिक छटा, कोकिल गान समाज।।८।।

पापड़  खिचड़ी  है बनी ,चटनी  दही    अचार। 
मिला  यही  संदेश है, जाति  धरम  मिल  यार।।९।।

प्रगति राष्ट्र सबका भला,मिलकर रहें  समाज । 
दुःख सुख मिल बाँटे सभी,यही मकर का राज।।१०।।  

मूंगफली   अर्पण  किया, लोहड़ की इस आग।
सब   पापों  का  नाश हो,   रहे   राष्ट्र  अनुराग।।११।। 

कवि निकुंज शुभकामना, सुखी रहे सब  लोग।
राष्ट्र  भक्ति सह एकता, धर्म जाति    फलयोग।।12।। 
-@डॉ. राम कुमार झा " निकुंज"
रचनाः मौलिक (स्वरचित)
नवदिल्ली

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