दैनिक श्रेष्ठ सृजन-07/12/2019 (भारत भूषण पाठक)

www.sangamsavera.in
संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
E-mail-vishvsahityasangam@gmail.com
दैनिक श्रेष्ठ सृजन
साहित्य संपादक- वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 भारत भूषण पाठक जी

7 दिसंबर 2019
शीर्षक-एकल काव्यमेध
         (कविता)
एकल काव्यमेध का है ऐसा विस्तार।
समाहित हुआ है जिसमें समस्त संसार।।

कहीं इसमें दिखता हमें कवियों की भावना।
बूढ़ी आँखों की अनुभव की ज्योति इसमें।

समसामयिक घटनाओं के फलस्वरूप
निकली हुई लेखनी की फूँफकार इसमें।।

कहीं छन्दों की माला सजी है मनभावन।
है करते लेखनी की प्रार्थना अतिपावन।।

कहीं चौपाई, कहीं हरिगीतिका है दिखती।
मनहरण घनाक्षरी मन को है हर लेती।।

सरस्वती वंदना से मन शुद्ध हो जावे।
राधे !राधे! का अलख मन को हर्षावे।
ऐसी एकल काव्यमेध मन मेरो भी भावे।
-भारत भूषण पाठक
धौनी(शुम्भेश्वरनाथ)
जिला-दुमका(झारखण्ड)
लेखनी नाम-तुच्छ कवि"भारत

1 टिप्पणी:

©संगम सवेरा पत्रिका. Blogger द्वारा संचालित.