दैनिक श्रेष्ठ सृजन-11/12/2019 (बृजमोहन राणा)

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दैनिक श्रेष्ठ सृजन
साहित्य संपादक- वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ-आ0 बृजमोहन राणा कश्यप जी

11 दिसंबर 2019 .
शीर्षक-राजतिलक
           ( लधुकथा )
 राजा दशरथ ने राम को राजतिलक कर राजगद्दी देने का निश्चय किया ।लेकिन शरारती देवताओं को यह बात पसंद नही आयी।उन्होने मां सरस्वती से प्रार्थना की ,आप जाकर मंथरा की बुद्धि भ्रष्ट कर दीजिये और कैकयी द्वारा राजा दशरथ से वरदान मांगने को कहिये ।सरस्वती ने कैकेयी की दासी मंथरा की बुद्धि बिगाड़ दी ।वो महारानी कैकयी के महल में जाकर उसकी बुद्धि बिगाड़ दी और कहा कि तुम राजा दशरथ से दो वरदान मांग लेना ,जिसमें भरत को राजतिलक और राम को चौदह साल का वनवास ।रानी कैकयी ने वैसा ही किया और राजा दशरथ से वरदान मांग लिए ।यह विधी का विधान था कि राम का राजतिलक रुक गया और उन्हें वन जाना पड़ा ।यह लधुकथा हमें यही बताती है कि मानव स्वार्थ में कितना अंधा हो जाता है ,वह अपने सभी रिश्ते-नाते भूल जाता है ।
 -@बृजमोहन राणा कश्यप

अमदाबाद ,गुजरात

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