दैनिक श्रेष्ठ सृजन-29/02/2020(फूल चंद्र विश्वकर्मा 'सौरभ')

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संगम सवेरा पत्रिका
साहित्य संगम संस्थान
रा. पंजी. सं.-S/1801/2017 (नई दिल्ली)
दैनिक श्रेष्ठ सृजन-
संपादक (दैनिक सृजन) - वंदना नामदेव
हार्दिक शुभकामनाएँ🌷🌻🌹
श्रेष्ठ रचनाकार- आ0 फूल चंद्र विश्वकर्मा 'सौरभ'जी
एवं
श्रेष्ठ टिप्पणीकार- आ0 अर्चना पांडेय'प्रयाग प्रज्ञा'जी







29 फरवरी 2020 
   शीर्षक-   प्रयाग  प्रज्ञा (आलेख)

उत्तर प्रदेश में अवस्थित एक जनपद इलाहाबाद को एक नए नाम प्रयागराज से अवबोधित किया गया है।वैसे इतिहास गवाह है कि पुराने प्रयागराज नगर के बगल अकबर द्वारा एक नए उपनगर अल्लाहाबाद को बसाया गया है, जो बाद में अपभ्रंश से इलाहाबाद हो गया।आज भी गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम स्थल प्रयाग में ही स्थित होने के कारण उसे तीर्थ राज की संज्ञा से विभूषित किया गया है।प्राचीन काल से ही यह भूमि संस्कृति तथा संस्कारों की भूमि रही है।आज भी कला संस्कृति के क्षेत्र के रूप में यह भूमि विश्व विख्यात है।यहाँ विश्व का सबसे बड़ा मेला कुम्भ के रूप में अपनी अलग पहचान रखता है, जहाँ विश्व के कोने कोने से लोग ,तप ,ध्यान ,योग आदि की शिक्षा लेने आते हैं।यह भूमि कवि और साहित्यसुधी लोगों की भूमि भी है।महाकवि निराला,हरिवंशराय बच्चन,महादेवी वर्मा, बालकृष्ण भट्ट, श्रीधर पाठक, महावीर प्रसाद द्विवेदी आदि हिंदी उन्नायकों ने प्रयाग को चर्मोत्कर्ष पर पहुँचाया।
बहन अर्चना पांडेय को प्रयाग प्रज्ञा सम्मान देकर साहित्य संगम संस्थान ने उन्हें ही नहीं, वरन सम्पूर्ण हिंदी प्रेमियों को गौरवान्वित किया है।हम सब संस्थान के ऋणी हैं कि उससे अपने अनुरूप उमनाम से विभूषित होकर हिंदी की सेवा करने का सम्बल प्राप्त किया है।बहन अर्चना की रचना सचमुच उनकी प्रज्ञा का दिग्दर्शन कराती है।ईश्वर उन्हें इससे भी अधिक प्रज्ञावान बनाए,जिससे मुझ जैसा अल्पज्ञ प्रेरणा लेकर हिंदी को कुछ दे सके।

--फूल चंद्र विश्वकर्मा 'सौरभ'

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