आदरणीय श्री नवल किशोर सिंह जी एवं सुश्री वंदना नामदेव जी, संपादक मंडल के गुणी जन, यह अंक स्वैच्छिक विषय पर आधारित है और यह अंक विस्तार लिए लिए हुए है ।इस बार पहले की अपेक्षा अधिक रचनाकारों की सहभागिता हुई है। दूसरी प्रमुख बात यह रही कि लेख अथवा कविता शब्द बंधन से मुक्त रही। तीसरी बात कि 'राजेश ललित ' अर्थात मुझे एक स्तम्भ 'ललितवाणी' का प्रारंभ कर पाठकों को नया और समसामयिक विषयों पर कुछ देने का मेरे द्वारा प्रयास रहेगा। आप सब अत्यंत आभार एवं धन्यवाद एवं अभिनंदन। कृतज्ञ लेखक राजेश ललित शर्मा
आदरणीय श्री नवल किशोर सिंह जी एवं सुश्री वंदना नामदेव जी,
जवाब देंहटाएंसंपादक मंडल के गुणी जन,
यह अंक स्वैच्छिक विषय पर आधारित है और यह अंक विस्तार लिए लिए हुए है ।इस बार पहले की अपेक्षा अधिक रचनाकारों की सहभागिता हुई है। दूसरी प्रमुख बात
यह रही कि लेख अथवा कविता शब्द बंधन से मुक्त रही। तीसरी बात कि 'राजेश ललित ' अर्थात मुझे एक स्तम्भ 'ललितवाणी' का प्रारंभ कर पाठकों को नया और समसामयिक विषयों पर कुछ देने का मेरे द्वारा प्रयास रहेगा।
आप सब अत्यंत आभार एवं धन्यवाद एवं अभिनंदन।
कृतज्ञ लेखक
राजेश ललित शर्मा