तूलिका बहुविधा मंच पर आजादी की हीरक जयंती संपन्न

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**तूलिका बहुविधा मंच पर आजादी की हीरक जयंती संपन्न**



*आचरण शुचिता के साथ देश उत्थान में सहायक बनें - घनश्याम सहाय*

घनश्याम सहाय


आज़ादी की हीरक जयंती पर साहित्यिक संस्था तूलिका बहुविधा मंच पर 15.08.2021 को विराट ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन काव्य साम्राज्ञी आ.प्रतिभा पाडेय , शकुंतला मित्तल एवं प्रीती देवी के संयोजन में सम्पन्न हुआ। भारत माता के पूजनोपरान्त संयोजन समिति ने सभी अतिथियों का स्वागत तथा साहित्यकारों से अमृत महोत्सव में आत्मीय योगदान का आह्वान किया।संरक्षक आ.घनश्याम सहाय ने कहा कि हमारे देश को आजादी लम्बे संघर्ष के बाद हासिल हुई है । अतः आचरण की शुचिता व कर्तव्य भावना से हम सभी को देश उत्थान हेतु सहयोग प्रदान करना होगा।

सामूहिक प्रयास से आधुनिक राष्ट्र बनाना है: डॉ राकेश सक्सेना

डॉ राकेश सक्सेना

     प्रख्यात साहित्यकार डाॅ0 राकेश सक्सेना ने कहा कि हमारी संस्कृति और सभ्यता की समृद्ध परम्परा रही है। इसको ध्यान में रखकर हम सभी को सामूहिक प्रयास से आधुनिक राष्ट्र बनाना है ,क्योंकि राष्ट्र जब उन्नति करता है तो उसी में हम सबकी उन्नति निहित होती है। अध्यक्ष आ.नवल किशोर सिंह ने ' भूमण्डल में सबसे न्यारा मणिमय देश हमारा ' रचना के माध्यम से राष्ट्र का यशोगान किया। आ.रीतू गुलाटी ऋतम्भरा, अनिल राही, मनोज कुमार चन्द्रवंशी, वीणा वैष्णव रागिनी, मंजू सरावगी, वंदना खरे ने कहा कि आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारा देश आगे बढ़ रहा है।

      आ. सीमा वर्णिका, अर्चना कोहली, सरिता बजाज गुलाटी, रिपुदमन झा पिनाकी, प्रो0 शरद नारायण खरे, हरिओम श्रीवास्तव ने संसद में बेहद भद्दे प्रदर्शन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही में विघ्न-बाधाएँ-स्थगन ने भारतीय राजनीति को विषाक्त किया है, जिसे शुभ नहीं माना जा सकता। 

इस कार्यक्रम में आ. रेखा बोरा, सुधीर श्रीवास्तव, दिलीप कुमार झा, डाॅ0 सुशील शर्मा, दिनेश श्रीवास्तव, प्रमोद यादव, डाॅ0 हिमांशु सक्सेना अर्श, स्वाति जैसलमेरिया आदि अनेक साहित्यकारों ने देश प्रेम की रचनाएँ सुनाकर भावविभोर किया। संयोजन समिति द्वारा कृतज्ञता ज्ञापित के साथ ही प्रमाणन अधिकारी आ.सरिता बजाज गुलाटी जी ने साहित्यकारों को 'हीरक कलमवीर' व 'राष्ट्र कोहिनूर' सम्मान से  किया।



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