सत्य अहिंसा चूर हो गई सत्ता के गलियारे में -प्रीती देवी

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'सत्य अहिंसा चूर हो गई सत्ता के गलियारे में'
        - ● प्रीती देवी 



एटा 04 अप्रैल 
राष्ट्रीय तूलिका मंच द्वारा नवरात्र के पावन पर्व पर आयोजित नौ देवियों के जीवंत काव्य पाठ की श्रृंखला में छत्तीसगढ़ रायपुर की श्रेष्ठ कवयित्री प्रीती देवी ने काव्य पाठ किया। उन्होंने चन्द्रघंटा के रूप में प्रसिद्ध माँ अम्बे को नमन करते हुए बताया कि इस दिन साधक का मन मणिपुर चक्र में प्रविष्ट होता है। ' माता चन्द्रघंटा की महिमा भक्तों के संकट हरने वाली महिषासुर मर्दिनी ' रचना से आल्हादित किया। आज की नारी शीर्षक कविता में सुनाया-' मैं नहीं हूँ बेबस नारी,नहीं हूँ मैं लाचार ' इसी क्रम में संधिपत्र,शिव स्तुति,स्त्रीत्व,महात्मा बुद्ध आदि रचनाओं के साथ सत्ता के गलियारे शीर्षक से ' सत्य अहिंसा चूर हो गई सत्ता के गलियारे में ' भरपूर तालियाँ बटोरी ।

      अंतरराष्ट्रीय कवि एवं संस्थापक डाॅ0 राकेश सक्सेना ने कहा कि चन्द्रघंटा की भूमिका में प्रीती देवी जी का काव्य पाठ प्रशंसनीय रहा। उन्होंने कहा कि माँ चन्द्रघंटा का स्वरूप शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है,इसी कारण से इन्हें चन्द्रघंटा कहा जाता है। अपनी सुन्दर रचनाओं से कवयित्री ने दिवस को सार्थक बनाया। अध्यक्ष नवलकिशोर सिंह ने चन्द्रघंटा सम्मान से विभूषित करते हुए कवयित्री प्रीती देवी के काव्य पाठ को उत्कृष्ट बताया। उन्होंने कहा कि चन्द्रघंटा देवी कवयित्री को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करे।

      इस अवसर पर वंदना नामदेव राजे, प्रतिभा पाण्डेय, सरिता बजाज गुलाटी सिया, सीमा वर्णिका, अर्चना कोहली, अनुराधा प्रियदर्शिनी,शिवानी शुक्ला श्रद्धा, महेश भटनागर,कृष्णकांत मिश्रा, राजीव रंजन मिश्र आदि रचनाकार उपस्थित रहे। काव्य सम्राज्ञी प्रतिभा पाण्डेय ने समस्त आगन्तुक अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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